केवल उर्दू में छात्रवृत्ति का विज्ञापन देने का मतलब यह नहीं है कि यह किसी एक समुदाय के लिए है: HC
दिल्ली हाईकोर्ट ने हमदर्द फाउंडेशन द्वारा जारी कि जाने वाली स्कॉलरशिप के लिए केवल उर्दू में और एक ही अखबार
में विज्ञापन जारी करने को लेकर दायर अपील पर सुनवाई करते हुए अहम टिप्पणी की है.
हाईकोर्ट ने कहा है कि केवल इसलिए कि छात्रवृत्ति के लिए एक विज्ञापन उर्दू भाषा में प्रकाशित किया गया था,
यह नहीं माना जा सकता है कि यह केवल एक विशेष समुदाय के छात्रों के लिए था.
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने हमदर्द फाउंडेशन को बड़ी राहत देते हुए इनकम टैक्स कमिश्नर छूट की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया है.
हमदर्द फाउंडेशन प्रतिवर्ष गरीब व जरूरतमंद छात्रों के लिए स्कॉलरशिप जारी करता है.
इस स्कॉलरशिप के लिए फाउंडेशन को आयकर में छूट प्राप्त होती है.
आयकर विभाग ने इस छूट को इस आधार पर चुनौती दी कि फाउंडेशन द्वारा अधिकांश स्कॉलरशिप की राशि केवल एक समुदाय विशेष के छात्रों को ही दी जा रही है
जो कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 13 (1) (बी) का स्पष्ट उल्लंघन है.
आयकर विभाग द्वारा फाउंडेशन को वर्ष 2011-12 में दी गयी छूट को इस आधार पर नकार दिया गया था कि
उसके द्वारा दी गयी स्कॉलरशिप केवल एक समुदाय विशेष के लोगों को दी गयी है.
बेंच ने कहा कि हमदर्द फाउंडेशन द्वारा सौंपी गई सूची की जांच से यह भी पता चला है कि
छात्रवृत्ति का लाभ बिना किसी भेदभाव के सभी समुदायों के छात्रों को मिला है.