श्रुति- पेरेंट्स और फ्रैंड्स सपोर्टिव होते हैं। मुझे अच्छे संस्थानों में पढ़ने मिला। परिवार में पेरेंट्स, भाई और नानी हैं, उन्होंने हमेशा मोटिवेट किया। प्री-मेन्स के बीच बहुत कम टाइम था, इसलिए पूरा टाइम सिर्फ स्टडी में ही निकला। जो जरूरी ब्रेक होता था केवल वही लिया।